Acharya Shri Vidhya Sagar Ji Maharaj
जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी।
जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी।
मन वच तन से, तुमको वन्दु (२)
जय अन्तरयामी प्रभु जय अन्तरयामी
जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी।
गर्भ जनम जब हुआ आपका (२)
तीन लोक हर्षे स्वामी तीन लोक हर्षे
इन्द्र कियो अभिषेक शिखर पर (२)
शिव मग के स्वामी बोलो शिव मग के स्वामी।
जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी।
पंचम चक्री भये आप ही (२)
षट खंड के स्वामी, प्रभु षट खंड के स्वामी
राज विभव के भोगे प्रभु जी (२)
कामदेव नामी, बोलो कामदेव नामी।
जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी।
अतुल विभव को तृणवत त्यागे (२)
हुए कर्म नाशी प्रभुजी, हुए कर्म नाशी
भये आप तीर्थंकर प्रभु जी (२)
शिव रमणी स्वामी, बोलो शिव रमणी स्वामी।
जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी।
वीर सिंधु को नमस्कार कर (२)
आरती करू थारी, प्रभु आरती करू थारी
सूरज शिवपुर पावो प्रभु जी (२)
महा सोख्य धारी बोलो महा सोख्य धारी।
जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी।
मन वच तन से, तुमको वन्दु (२)
जय अन्तरयामी प्रभु जय अन्तरयामी
जय शांतिनाथ स्वामी, प्रभु जय शांतिनाथ स्वामी।

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Note

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