Dev Shastra Guru Pooja

विसर्जन पाठ(हिन्दी) – Visarjan Paath

दोहा
बिन जाने वा जानके, रही टूट जो कोय।
तुम प्रसाद तैं परमगुरु, सो सब पूरन होय॥
पूजनविधि जानूँ नहीं, नहिं जानूँ आह्वान।
और विसर्जन हू नहीं, क्षमा करहु भगवान॥
मन्त्रहीन धनहीन हूँ, क्रियाहीन जिनदेव।
क्षमा करहु राखहु मुझे, देहु चरण की सेव॥
आये जो जो देवगण, पूजे भक्ति प्रमान।
ते अब जावहू कृपाकर, अपने – अपने थान॥
(निम्न श्लोक पढ़कर विसर्जन करना चाहिये)

श्री जिनवर की आशिका, लीजे शीश चढ़ाय।
भव-भव के पातक कटें, दुःख दूर हो जाय॥
(यहाँ पर नौ बार णमोकार मंत्र जपना चाहिये)

*****

Note

Jinvani.in मे दिए गए Visarjan Paath व सभी स्तोत्र, पुजाये और आरती जिनवाणी संग्रह के द्वारा लिखी गई है, यदि आप किसी प्रकार की त्रुटि या सुझाव देना चाहते है तो हमे Comment कर बता सकते है या फिर Swarn1508@gmail.com पर eMail के जरिए भी बता सकते है।

sahi mutual fund kaise chune

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top